Transformer ही एक ऐसा
device है
को करंट को
बिना किसी physical attachment के एक
स्थान से दूसरे
स्थान तक भेजने
का काम करता
है। और इसके आलावा
करंट को कम
या ज्यादा करने
में अहम भूमिका
निभाता है
ट्रांसफार्मर को मल्टीमीटर से चैक करना
ट्रांसफार्मर म्यूचयल इंडक्शन के सिद्धांत पर काम करता है। मान लीजिये एक ट्रांसफार्मर है जिसमे चार तार है दो तार एक तरफ और दो तार दूसरी तरफ आप एक तरफ से 220 AC वोल्ट देते है और दूसरी तरफ से आपको 12 AC वोल्ट मिलते है। आखिर यह होता कैसे है। जबकि ट्रांसफार्मर में तार और लोहे के कोर के अलावा कुछ नहीं होता। फिर यह कैसे करंट को कम कर देता है। यही तो खासियत होती है ट्रांसफार्मर में।
ट्रांसफार्मर
ट्रांसफार्मर में तो कम से कम दो क्वाइल का इस्तेमाल किया जाता है जिनको वाइंडिंग कहते है। ट्रांसफार्मर में जिस वाइंडिंग पर करंट देते है उसको प्राइमरी वाइंडिंग कहते है और जिससे करंट प्राप्त किया जाता है उसको सेकंडरी वाइंडिंग कहते है।
ट्रांसफॉमर
को डिजिटल मल्टीमीटर
से चैक करने
की विधि लगभग
एनालॉग मीटर के
द्वारा चैक करने
जैसी ही है।
- सबसे पहले डिजिटल मल्टीमीटर को ओन करे।
- अब डिजिटल मल्टीमीटर मीटर की काली प्रोब को कॉम प्लग में लगाये और लाल प्रोब को VΩ वाले प्लग में लगाये।
- अब डिजिटल मल्टीमीटर के रोटरी को घुमाकर बीप या बज़र की रेंज पर सेट करे। इस रेंज पर दोनों प्रोब को आपस में छूने से डिजिटल मल्टीमीटर से एक म्यूजिक या बीप साउंड सुनाई पड़ेगी। यदि बीप की आवाज नहीं आती है तो डिजिटल मल्टीमीटर ख़राब है। इसलिए पहले चेक करले की मीटर सही है। की नहीं।
- जिस प्रकार एनालॉग मीटर से ट्रांसफार्मर की सभी वाइंडिंग चेक की गई थी। उसी प्रकार इसको भी चेक करेंगे।
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