UPS (
Uninterrupted Power Supply )
एक UPS ऐसा यंत्र है जो आपके कंप्यूटर के साथ जोड़ा जाता है और आपके कंप्यूटर को विधुत पॉवर के जाने के बाद भी कुछ देर के लिए काम करने की सुविधा देता है. साथ ही ये आपके कंप्यूटर को बिजली के तेज आवेग से भी बचाता है. UPS के अंदर एक बैटरी होती है जो तब काम करना शुरू करती है जब आपका कंप्यूटर विधुत से संपर्क खो देता है. अगर आप अपने कंप्यूटर में UPS का इस्तेमाल करते हो तो विधुत के जाने के बाद भी इससे आपको इतना समय मिल जाता है कि आप अपने डॉक्यूमेंट को या जो आप काम कर रहे होते हो उसे अपने कंप्यूटर में सुरक्षित कर सको.
UPS कार्य कैसे करता है?
एक UPS आपके कंप्यूटर को 4 तरीको से सुरक्षा प्रदान करता है जो निम्नलिखित है –
· Voltage Surges and Spikes – कई बार आपके कंप्यूटर में विधुत का प्रवाह बहुत ज्यादा होता है तो उस वक़्त UPS विधुत के उस प्रवाह को सहन करके आपके कंप्यूटर तक उचित विधुत प्रवाहित करता है. तो इसके लिए UPS का आपके कंप्यूटर में होना आवश्क है.
· Voltage Sags – कई बार ऐसा भी होता है जब विधुत का प्रवाह कम होता है और वो आपके कंप्यूटर के काम करने के लिए उचित नही होता है. क्योकि UPS एक ऐसा यंत्र है जो आपके कंप्यूटर को विधुत पॉवर सप्लाई करता है, तो उस स्थिति में भी ये आपके कंप्यूटर को उचित विधुत बना कर प्रवाहित करता है.
· Totals Power Failure – UPS को इस्तेमाल ही इसीलिए किया जाता है कि अचानक विधुत पॉवर के चले जाने के बाद आपको इतना समय मिल सके कि आप अपने कार्य को सेव कर सको.
Frequency Difference – आपने काफी बार ये महसूस किया होगा कि विधुत कभी कम हो जाती है और कभी ज्यादा इसी को पॉवर oscillation कहते है जिसका अर्थ है कि विधुत पॉवर का कम या ज्यादा होते रहना. इस स्थिति में आपको कंप्यूटर को सबसे ज्यादा हानि पहुँच सकती है. इस स्थिति में आपके कंप्यूटर का मदरबोर्ड भी ख़राब हो सकता है साथ ही आपके कंप्यूटर की डिस्प्ले को भी हानि पहुँचती है. किन्तु अगर आप अपने कंप्यूटर में UPS का इस्तेमाल करते हो तो ये आपके कंप्यूटर को इस तरह के खतरों से भी बचाता है.
UPS को दो तरीको से इस्तेमाल किया जाता है –
1. Standby UPS : इनको आप पॉवर इन्वर्टर भी कहते हो. ये अपना काम तब शुरू करते है जब इनको महसूस होता है कि कंप्यूटर को या किसी बिजली से चलने वाले यंत्र को इसकी जरूरत है, उसकी के बाद ही ये अपना काम शुरू करता है. जब ये किसी कमी को पकड़ लेता है तो ये 5 मिली सेकंड के अंदर ही काम करना शुरू कर देता है. एक पॉवर इन्वर्टर DC पॉवर को AC पॉवर में बदल कर कार्य करता है. इसके कार्य करने से पहले कंप्यूटर आपके घर की विधुत पॉवर पर ही काम करता है. साथ ही इनकी कीमत Continuous UPS से कहीं अधिक होती है. इसकी कीमत का ज्यादा होना स्वाभाविक है क्योकि ये न सिर्फ आपके कंप्यूटर को ही पॉवर सप्लाई करता है बल्कि इससे आप अपने घर के बाकि कुछ और विधुत पर चलने वाले उपकरणों को जोड़ सकते हो. साथ ही ये कंप्यूटर को विधुत के जाने के बाद काम करने लिए 5 से 7 घंटे देता है और यही इसकी खास बात भी है.
2. Continuous UPS – ये हमेशा कंप्यूटर के साथ जुडा रहता है और आपके कंप्यूटर की मेंन पॉवर सप्लाई की केबल इसी में लगती है और इसकी वायर आपके घर की विधुत के स्लॉट में. आपका कंप्यूटर अपने काम के दौरान इसी के द्वारा प्रवाहित की गई विधुत पर काम करता है और ये उस वक़्त मेंन विधुत से अपनी बैटरी चार्ज करता रहता है. जब विधुत अचानक चली जाती है तो आपको इसके काम करने को शुरू करने के लिए कोई बटन नही दबाना पड़ता बल्कि ये अपने आप ही काम करना शुरू कर देता है. इसीलिए इसे विधुत पॉवर के सोर्स ( Source ) के रूप में इस्तेमाल करने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. ये आपको एक साफ़ और संतुलित विधुत प्रवाहित करके देता है.
UPS के लाभ :
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Maintenance of Power – UPS का सबसे पहला और ख़ास लाभ यही है कि ये आपके कंप्यूटर में प्रवाहित होकर आने वाली विधुत को नियंत्रित करता है.
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Continuity of Operation – साथ ही इसकी एक खास बात ये भी है कि ये लगातार काम करता रहता है.
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Surge Protection – ये आपके कंप्यूटर को विधुत से होने वाली हर तरह की हानि से बचाता है. इसके लिए ये कंप्यूटर में जाने वाली विधुत पर हमेशा नजर रखता है.
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Line Interactive UPS – ये आपके कंप्यूटर को एक संतुलित विधुत को प्रवाहित करता है और विधुत के चले जाने के बाद भी ये आपको इतना समय देता हाई कि आप अपने कार्य को सेव कर सको.
UPS की हानि :
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Start Up Cost – अगर आप Standby UPS का इस्तेमाल करना चाहते हो तो ये आपको काफी महंगा पड़ता है.
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Infrastructure – अगर आप UPS का इस्तेमाल किसी कारपोरेशन में या फिर किसी ऑफिस में करते हो तो आपको एक से ज्यादा बैटरी का इस्तेमाल करना पड़ता है और उसके लिए आपको एक आधारभूत संरचना करनी पड़ती है.
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Maintenance Cost – UPS की बैटरी हमेशा के लिए काम नही करती और कुछ समय के बाद ख़राब हो जाती है जिसके बाद आपको इसकी पुरानी बैटरी को पूरी तरह से बदल कर एक नयी बैटरी का इस्तेमाल करना होता है.
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